कृपया साकेत बिहारी के इस वीडियो को देखें और जानें की भारत में किस तरह से भ्रष्टाचार और घूसखोरी को बंद किया जा सकेगा।
घूसखोरी को बढाबा जनता द्वारा ही दिया जाता हैं और इस के लिए वे जिम्मेदार ज्यादा हैं वनस्पति घूसखोरों के जो अपनी कमी को पूरा न करके शॉर्टकट को अपनाते हैं।आज हालात ये हैं कि किसी न किसी जीवन मे सरकारी कार्यालय में कोई न कोई काम अवश्य पड़ता हैं।इसे रोकने के लिए लाइफ टाइम निलंबन के अलावा दिए गये अब तक के वेतन को वापिसी का कानून लाया जाना चाहिए।और देने वाले को भी सजा का प्रावधान होना चाहिए।
सरकारी कार्यालयों में प्रत्येक कार्य के लिये आवश्यक निर्देश क्या क्या कागजात संलग्न करने हैं सूचना पट्ट पर लगाये जाए ।आवेदन को सभी जरूरी पत्र के साथ जांच कराने के बाद कार्यालय में सौपना चाहिए।यदि इसके बाद किसी कागज की कमी से कोई रोकता हैं तो कागज जांच कर्ता को दंडित किया जाना चाहिए।प्रत्येक अधिकारी को दिए गए आवेदन को निर्धारित समय मे निपटना चाहिए।
अब आदमी घूस कहाँ और क्यों देता हैं? अपना कोई भी प्रमाण पत्र या कार्य करवाने में उचित कागज या प्रमाणित पत्र को पेश या संलग्न नही कर पाता तो नकद की पेशकश कर देता हैं।जिसमे नीचे से लेकर ऊपर के अधिकारियों तक का हिस्सा होता हैं। कार्य सफल हो जाता हैं ।सभी को पैसे प्राप्ति की आदत पड़ चुकी होती हैं अब सभी प्रकार से परिपूर्ण आवेदन को बिना भेंट चढ़ाए आगे नही भेजा जाता।इस कारण सही व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं।
निदान या सुझाव- ऐसा कोई कार्य नही जो असम्भव हो गर कोशिश की जाए तो इसे रोका जा सकता हैं। पूरे हुए आवेदनों को एक गुप्त शाखा का निर्माण रिटायर्ड अधिकारियों की बनाई जाए ।और उनको जारी किए गए पत्रों की समस्त कागजों की जांच करनी चाहिए यदि उनमे कोई बिना किसी आवश्यक कागज के जारी किये गए प्रमाण पत्रों के अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए कठोर कार्यवाही के साथ वेतन को वापस लेना चाहिए।और आवेदक को भी इसका दण्ड दिया जाना चाहिए।इस गुप्त कार्यवाही को दूसरे राज्य के गुप्त शाखाको भेजना चाहिए।
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